Jaguar DARIN-III: भारतीय वायुसेना की रणनीतिक रीढ़
भारतीय वायुसेना की ताकत की बात करें, तो Jaguar DARIN-III एक ऐसा नाम है जिसे इग्नोर करना नामुमकिन है। सालों से ये विमान वायुसेना की स्ट्राइक क्षमताओं में अहम भूमिका निभा रहे हैं। ताजा अपडेट ये है कि अब DARIN-III वेरिएंट 2035 के बाद भी सर्विस में रहेंगे, वो भी नवीनतम तकनीकों और अपग्रेड्स के साथ।
इन विमानो में Hindustan Aeronautics Limited (HAL) द्वारा बनाए गए DARIN-III अपग्रेड पैकेज के तहत कई बड़े बदलाव किए गए हैं। सबसे पहले, इनमें अब AESA (Active Electronically Scanned Array) रडार लगा है, जो दुश्मन की मूवमेंट पकड़ने और बेहद साफ-सुथरी तस्वीर देने में वर्ल्ड क्लास है। इसका मतलब - अब मिशन के दौरान या एयर कॉम्बैट में पायलट को ज्यादा तेजी और बेहतर सटीकता मिलेगी।
सिर्फ रडार ही नहीं, इन फाइटर जेट्स को नई पीढ़ी की ASRAAM (Advanced Short Range Air-to-Air Missile) मिसाइल से भी लैस किया गया है। इसका फायदा है एयर-टू-एयर डॉगफाइट में धार देने वाले हथियार। ये मिसाइल “बियोंड विज़ुअल रेंज” यानी नेत्र सीमा से भी बाहर के टारगेट को मारने में सक्षम है। एक और अहम बदलाव – इंजन अपग्रेड – अब इन्हें ज्यादा ताकत, लंबी उम्र और मिशन की जल्दी तैयारी मिलती है।

स्पेशलिस्ट लो-एल्टिट्यूड स्ट्राइक और नेटवॉक सेंट्रिक वॉरफेयर
Jaguar की पहचान उसकी गहरी स्ट्राइक करने की क्षमता के लिए जानी जाती है। ये विमान 200 फीट जितनी कम ऊंचाई पर उड़ सकता है। इतना कम उड़ने का फायदा – दुश्मन के रडार उसे पकड़ ही नहीं पाते। और, ऐसे मिशन में F-22 जैसे हाई-फाई जेट्स भी कई बार पीछे रह जाते हैं।
इन एयरक्राफ्ट के नेटवर्क सेंट्रिक वॉरफेयर सिस्टम में शामिल होने से वे आसानी से AWACS (Airborne Warning and Control System) और ग्राउंड सिस्टम के साथ समन्वय कर पाते हैं। इंटीग्रेशन के चलते भारतीय वायुसेना को तेज डिसीजन और रियल-टाइम डेटा शेयरिंग मिलती है, जो युद्ध के मैदान में गेम चेंजर साबित हो सकती है।
Jaguar की पेलोड क्षमता भी इसकी बड़ी ताकत है। ये लाइट नहीं, बल्कि बड़े हथियार और प्रेसिशन-गाइडेड म्यूनिशन – खासकर लेजर-गाइडेड बम – ले जा सकता है। यानि टारगेट पर बिलकुल सटीक अटैक मुमकिन है।
हालांकि, DARIN-I और DARIN-II जैसे पुराने Jaguar वेरिएंट को 2027-28 से रिटायर होने की तैयारी है, लेकिन DARIN-III वेरिएंट 2035 के काफी आगे तक सर्विस में रहने वाला है। इसकी वजह साफ है – जब तक पूरी तरह स्वदेशी प्लेटफॉर्म जैसे तेजस MkII और AMCA MK1 मैदान में नहीं आ जाते, तब तक Jaguar वायुसेना की दूरी स्ट्राइक दक्षता में ब्रिज बने रहेंगे।
- आधुनिक AESA रडार से खतरनाक सटीकता
- ASRAAM मिसाइलें, जिनके आगे आंखें भी धोखा खा जाएं
- अपग्रेडेड इंजन से ज्यादा ताकत और भरोसेमंद प्रदर्शन
- नेटवर्क सेंट्रिक वॉरफेयर में इंटीग्रेशन
- लो-एल्टिट्यूट फ्लाइट से रडार में दिखना मुश्किल
भविष्य में, जैसे ही स्वदेशी तेजस MkII और AMCA प्लेटफॉर्म पूरी तरह आ जाएंगे, Jaguar की जगह ये नए जेट्स लेंगे। लेकिन फिलहाल Jaguar DARIN-III, IAF की ताकत का अहम हिस्सा बना रहेगा। ये अपग्रेड सिर्फ तकनीक की कहानी नहीं, बल्कि वायुसेना की संचालन नीति और स्वदेशी क्षमताओं को मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
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