IMD ने बताया: 5‑7 अक्टूबर के पश्चिमी व्यवधान से दिल्ली‑NCR में बारिश‑ओले

IMD ने बताया: 5‑7 अक्टूबर के पश्चिमी व्यवधान से दिल्ली‑NCR में बारिश‑ओले

जब India Meteorological Department ने बताया कि 5 से 7 अक्टूबर तक एक मजबूत पश्चिमी व्यवधान दिल्ली‑NCR पर बवंडर जैसा आएगा, तो सड़कों पर भीड़भाड़ और आयोजन‑कैलेंडर दोनों में हलचल देखी गई। विभाग ने शुक्रवार, 3 अक्टूबर को हल्की‑मध्यम बारिश का पूर्वानुमान दिया, जबकि गुरुवार, 2 अक्टूबर की देर शाम को अचानक हुई हल्की बौछार ने ट्रैफ़िक को जाम कर दिया और नरेंद्र मोदी तथा अमित शाह की दुर्गा पूजा समारोह में भागीदारी को रद्द करवा दिया।

पश्चिमी व्यवधान क्या है?

पश्चिमी व्यवधान (Western Disturbance) मूल‑त: यूरोप‑पश्चिम से आती ठंडी वायुमंडलीय धारा है, जो कुंभीकृत आँधियों, धुंध और बारीश लाने का काम करती है। मौसम विज्ञानियों का मानना है कि इस साल का व्यवधान अजीब‑से‑दक्षिणी दिशा से आया है, जिससे इसकी शक्ति में अचानक इजाफा देखा गया। अश्वरी तिवारी, जो IndiaMetSky पर सक्रिय हैं, ने कहा कि यह स्थिति बारह‑सात के बीच सबसे तीव्र होगी।

दिल्ली‑NCR में आने वाला मौसम

गुज़रते दिनों दिल्ली ने 35.7°C का अधिकतम तापमान दर्ज किया, जो सामान्य स्तर से एक डिग्री अधिक था, जबकि न्यूनतम 25.8°C रही। अब विभाग ने बताया कि 5 अक्टूबर से प्रारम्भ हो रही बौछारों के साथ तापमान में गिरावट आएगी: अधिकतम 31°C तक और न्यूनतम 22°C तक गिरने की संभावना है। इसके साथ ही तेज़ हवाएँ और ओले भी गिर सकते हैं, ख़ासकर 6 अक्टूबर को।

  • 5‑6 अक्टूबर: भारी बारिश, सम्भावित ओले
  • 6 अक्टूबर (पिक‑इंटेंसिटी): सबसे ज़्यादा बौछारें, तेज़ हवाएँ
  • 7 अक्टूबर: बारिश में हल्का कमाव, ठंडी हवाओं की शुरुआत
  • 8 अक्टूबर तक: तापमान 31‑22°C के आसपास स्थिर

नॉरदेर्न इलाकों जैसे पंजाब, उत्तर‑पश्चिम राजस्थान और जम्मू‑कश्मीर में पहले थंडरस्टॉर्म की आशा रखी गई है, बाद में ये बवंडर दिल्ली‑NCR तक पहुँचता है। इस दौरान एएमएस (AQI) स्तर ‘मध्यम’ दिखाने वाले हिस्से भी दिख रहे हैं, इसलिए संवेदनशील वर्गों को सावधानी बरतनी चाहिए।

प्रमुख अधिकारियों की प्रतिक्रिया

बारिश‑ओले की चेतावनी मिलने पर दिल्ली मेट्रो और ट्रैफ़िक पुलिस ने आपातकालीन कार्ययोजना लागू कर दी। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कई सेवाओं को अस्थायी रूप से रोका गया, जबकि स्वास्थ्य विभाग ने एम्बुलेंस की अतिरिक्त व्यवस्था कर रखी। नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर स्थिति का जायज़ा लेते हुए कहा कि सुरक्षा सर्वोपरि है, इसलिए उन्होंने समारोह से दूरी बना ली। इसके साथ ही अमित शाह ने कहा कि व्यवधान के कारण जनता को सतर्क रहने की अपील की गई है।

क्षेत्रीय प्रभाव एवं विशेषज्ञों की राय

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहर जैसे नोएडा, आगरा और मेरठ में हल्की‑धूप रहित मौसम बना रहेगा, जबकि लखनऊ और प्रयागराज में हल्की बौछारों की संभावना है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस साल की बारिश का पैटर्न पिछले दो सालों के समान है, लेकिन ओले की तीव्रता में थोड़ा अंतर है। जलवायु विशेषज्ञ डॉ. सुनील कौर ने कहा, “पश्चिमी व्यवधान का जवाबदेह जलवायवीय प्रणाली के साथ मिलकर यह दिखाता है कि मौसमी परिवर्तन कितनी तेज़ी से हो रहा है।”

आगे क्या दर्शाया गया है?

IMD ने बताया कि 9 अक्टूबर से ठंडी उत्तर‑पश्चिम हवाओं का प्रभाव बढ़ेगा, जिससे तापमान में और गिरावट आएगी। अक्टूबर के मध्य तक न्यूनतम तापमान 20°C के नीचे उतरने की उम्मीद है, जबकि महीने के अंत में 16°C तक गिर सकता है। इसलिए किसान, एग्रीकल्चर उद्योग और दैनिक commuters को इस बदलाव के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है।

Frequently Asked Questions

पश्चिमी व्यवधान का मुख्य कारण क्या है?

वेस्टर्न डिस्टरबेंस यूरोप‑पश्चिम में उत्पन्न ठंडी धारा है, जो एशिया के ऊपर जाकर नमी को लेकर आती है। इस बार एरूबियन समुद्र से मिलने वाली नमी ने इसकी तीव्रता को बढ़ा दिया।

दिल्ली‑NCR में कब तक बाढ़ का खतरा रहेगा?

पिक‑इंटेंसिटी 6 अक्टूबर को है, इसलिए उस दिन ही भारी बौछारें और ओले की संभावना सबसे अधिक है। 7‑8 अक्टूबर तक हल्की बारिश जारी रह सकती है, पर बाढ़ का खतरा धीरे‑धीरे घटेगा।

आगामी हफ्तों में तापमान में कितना बदलाव आएगा?

वर्तमान में अधिकतम तापमान 34‑37°C के बीच है। 5‑8 अक्टूबर तक यह 31°C तक गिर सकता है, जबकि न्यूनतम 22‑25°C के बीच रहेगा। अक्टूबर के मध्य में न्यूनतम 20°C से नीचे गिरना शुरू हो जाएगा।

क्या इस मौसम से खेती पर असर पड़ेगा?

किसानों को हल्की बौछारें फसल को राहत दे सकती हैं, पर ओले से झाड़‑पोक और किसानों की रात्री कार्यवाही पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों ने उचित जल निकासी और बीज संरक्षण के उपाय सुझाए हैं।

सड़क यातायात पर क्या उपाय किए जाने चाहिए?

ड्राइवरों को धीमी गति से चलाने, टायर की स्थिति जांचने और जलजिलो में जमा पानी से बचने की सलाह दी गई है। दिल्ली मेट्रो ने संभावित बाढ़‑प्रभाव वाले क्षेत्रों में यात्रा को रोक रखा है।

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Swati Jaiswal
Swati Jaiswal
मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और भारतीय दैनिक समाचारों पर लेख लिखना पसंद करती हूँ।
  • Ashish Kumar
    Ashish Kumar
    3 अक्तू॰ 2025 at 23:27

    IMD ने जो चेतावनी जारी की है, वह केवल आँकड़े नहीं, बल्कि हमारा सामाजिक कर्तव्य भी है। इस तीव्र पश्चिमी व्यवधान को अनदेखा करना, मानो प्रकृति के विरुद्ध शिकायत पत्र लिखना हो। नागरिकों को अपने घरों को सुरक्षित करने, जलरोधक उपाय अपनाने और आवश्यक दवा जमा करने का दायित्व है। वैकल्पिक योजना बनाना, कुटुंब के साथ संवाद स्थापित करना, और आवश्यक वस्तुएँ पहले से तैयार रखना – यह सब अनिवार्य है। यदि कोई इस बात को हल्के में लेता है, तो वह न केवल खुद को बल्कि अपने पड़ोसियों को भी जोखिम में डाल रहा है।

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