बजट 2024 में ऐंजल टैक्स की समाप्ति
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 पेश करते हुए एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने सभी श्रेणियों के निवेशकों के लिए विवादास्पद ऐंजल टैक्स को समाप्त करने की घोषणा की है। यह कर, जिसे आधिकारिक तौर पर आयकर अधिनियम की धारा 56(2)(viib) के तहत जाना जाता है, उन अनलिस्टेड कंपनियों पर लागू होता था जो बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर शेयर जारी करती थीं। इस अतिरिक्त राशि को आय के रूप में माना जाता था और उस पर 30 प्रतिशत से अधिक की दर से कर लगाया जाता था।
ऐंजल टैक्स का इतिहास
यह प्रावधान 2012 में टैक्स एवॉइडेंस और धन का दुरुपयोग रोकने के उद्देश्य से पेश किया गया था। प्रारंभ में, यह कर केवल स्थानीय निवासी निवेशकों पर लागू होता था लेकिन बाद में इसे अन्य निवेशकों तक बढ़ा दिया गया। हालांकि निवेशकों के बीच इसे लेकर बहुत असुविधा और असंतोष था। खासकर स्टार्टअप्स जिन्हें इनकम टैक्स विभाग की जांच का सामना करना पड़ता था।
स्टार्टअप्स पर ऐंजल टैक्स का प्रभाव
इस नीति की वजह से स्टार्टअप्स को फंड जुटाने और नवाचार करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। निवेशकों और उद्यमियों का कहना था कि इस टैक्स से उन पर अनावश्यक दबाव बढ़ गया था और इससे नवाचार को भी धक्का लगा था। पिछले कुछ वर्षों के दौरान मुखर होती हुईं इन समस्याओं के मद्देनजर सरकार ने अब इस बोझ को हटाने का निर्णय लिया है।
छूट और इसके प्रभाव
इससे पहले जिन 80,000 से अधिक स्टार्टअप्स ने उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के साथ पंजीकरण किया था, उन्हें इस टैक्स से छूट दी गई थी। लेकिन अब इस छूट को सभी श्रेणियों के निवेशकों तक बढ़ा दिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य स्टार्टअप्स के लिए वित्तीय तथा नियामक बोझ को कम करना है ताकि और अधिक निवेशक नवाचार में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित हो सकें।
उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
इसके बाद, उद्योग के प्रमुख विशेषज्ञों ने इस फैसले का जोरदार स्वागत किया है। Assiduus की संस्थापक और सीईओ सोमदत्ता सिंह तथा 100X.VC के संस्थापक और पार्टनर नीनाद कर्पे ने इसे स्टार्टअप दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि यह फैसला नवाचार के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।
भविष्य में संभावनाएं
इस फैसले से जहां एक ओर स्टार्टअप्स को नया संजीवनी मिलेगी वहीं दूसरी ओर निवेशकों के लिए भी बेहतर अवसर उत्पन्न होंगे। जैसे-जैसे स्टार्टअप्स को वित्तीय एवं नियामक बोझ से राहत मिलेगी, वे अपने उत्पादों और सेवाओं में अधिक नवाचार करने में सक्षम होंगे। इसके परिणामस्वरूप, हमें आने वाले समय में न केवल भारतीय बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारतीय स्टार्टअप्स का परचम लहराते हुए देखने को मिलेगा।
अतः, बजट 2024 का यह निर्णय भारतीय स्टार्टअप्स के लिए वरदान सिद्ध होने वाला है। यह नवाचार और निवेश दोनों ही पक्षों को सशक्त करेगा एवं एक नई ऊर्जा के साथ देश को आगे बढ़ाएगा।
एक टिप्पणी लिखें