वाशिंगटन सुंदर की धमाकेदार पारी से भारत ने ऑस्ट्रेलिया को तीसरे T20I में हराया

वाशिंगटन सुंदर की धमाकेदार पारी से भारत ने ऑस्ट्रेलिया को तीसरे T20I में हराया

जब वाशिंगटन सुंदर ने आखिरी ओवर में एक छक्का मारकर लक्ष्य पूरा किया, तो बेलरिव ओवल का मैदान एक झटके से चुप हो गया — ऑस्ट्रेलियाई फैन्स का चिल्लाना बंद हो गया, और भारतीय टीम के खिलाड़ियों के चेहरे पर एक अजीब सी शांति छा गई। नहीं, ये शांति निराशा की नहीं, बल्कि अद्भुत जीत की थी। भारतीय क्रिकेट टीम ने 2 नवंबर 2025 को होबार्ट के बेलरिव ओवल में खेले गए तीसरे T20I में ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय क्रिकेट टीम को 5 विकेट से हराकर श्रृंखला को 1-1 से बराबर कर दिया। और इस जीत का नायक? वो थे वाशिंगटन सुंदर — जिन्होंने बस 23 गेंदों में 49 रन बनाए, जिसमें 4 छक्के और 3 चौके शामिल थे।

जब टीम डूब रही थी, तब एक अनजान ने बचाया

भारत की पारी शुरू होने के बाद तो ऐसा लग रहा था जैसे ऑस्ट्रेलिया फिर से जीत जाएगा। अभिषेक शर्मा और शुभमन गिल जल्दी ही आउट हो गए। सूर्यकुमार यादव ने अपने आधे से ज्यादा रन बनाए, लेकिन टीम का स्कोर 105/3 तक रुक गया। अक्षर पटेल आउट हुए, तिलक वर्मा ने 29 रन बनाए और फिर वो भी चले गए। नौवां विकेट गिरने के बाद भारत का स्कोर 145 था — लक्ष्य तक अभी 43 रन थे, लेकिन बचे थे बस 10 ओवर। यहां तक कि बड़े खिलाड़ी भी शर्मिंदा हो रहे थे। तभी वाशिंगटन सुंदर ने क्रीज पर कदम रखा।

कोई उम्मीद नहीं थी। उनकी पिछली 10 पारियों में औसत 18 था। लेकिन उन्होंने नाथन एलिस की गेंद पर छक्का मारा — फिर दूसरी गेंद पर चौका। तीसरी गेंद पर एक लॉन्ग ऑन में छक्का। अगले ओवर में उन्होंने जेवियर बार्टलेट को दो छक्के लगा दिए। जब तक वो आउट नहीं हुए, तब तक उन्होंने भारत को लक्ष्य के बाहर नहीं जाने दिया। 18.3 ओवर, 5 विकेट, 188 रन — और जीत।

गेंदबाजी में अर्शदीप की आग

ऑस्ट्रेलिया ने जब बल्लेबाजी की, तो टिम डेविड और मार्कस स्टोइनिस ने अर्धशतक बनाया। लेकिन जब तक उनके बीच में अर्शदीप सिंह नहीं आया, तब तक ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 150 के पार नहीं जा सका। अर्शदीप ने 4 ओवर में 3 विकेट लिए — डेविड, स्टोइनिस और ब्रेनन मैकलेन। उनकी गेंदबाजी इतनी तीखी थी कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज गेंद के नीचे चले गए। उन्हें मैन ऑफ द मैच का खिताब मिला — और ये उनकी पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि थी।

टीम में बदलाव: जोखिम लेने की बहादुरी

भारतीय टीम ने इस मैच में तीन बदलाव किए — संजू सैमसन, कुलदीप यादव और हर्षित राणा की जगह जितेश शर्मा, वाशिंगटन सुंदर और अर्शदीप सिंह को शामिल किया। ये फैसला किसी के लिए आश्चर्य नहीं था — लेकिन इतना साहसी नहीं था। जितेश शर्मा ने अंतिम 13 गेंदों में 22 रन बनाए — उनकी बारी आने से पहले भी भारत का स्कोर 165 था। और अर्शदीप सिंह? उन्होंने अपने पहले ही ओवर में एक लाइन में तीन विकेट लिए। ये बदलाव टीम के लिए एक जोखिम था — लेकिन जीत ने उस जोखिम को इतिहास बना दिया।

श्रृंखला अब बराबर, लेकिन भारत के लिए बढ़त

पहला मैच बारिश में रद्द हुआ, दूसरा मैच ऑस्ट्रेलिया ने 4 विकेट से जीता। तीसरे मैच की ये जीत ने श्रृंखला को बराबर कर दिया — लेकिन ये बराबरी भारत के लिए बढ़त है। क्यों? क्योंकि अब भारत ने ऑस्ट्रेलिया के घर पर जीत हासिल की है। और अगले दो मैच ऑस्ट्रेलिया के लिए दबाव बन गए हैं। चौथा मैच 6 नवंबर 2025 को गोल्ड कोस्ट में होगा — जहां पिच बल्लेबाजों के लिए अनुकूल होने की उम्मीद है। अगर भारत वहां जीत जाता है, तो श्रृंखला जीतने का रास्ता खुल जाएगा।

क्या कह रहे हैं विश्लेषक?

क्या कह रहे हैं विश्लेषक?

क्रिकेट विश्लेषक रवि शास्त्री ने कहा, "वाशिंगटन सुंदर की यह पारी भारतीय क्रिकेट इतिहास में याद रखी जाएगी।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि "यह एक ऐसी पारी है जिसने एक नौजवान खिलाड़ी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नाम दिया।"

भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष रोहित शर्मा ने मैच के बाद कहा, "हमारे खिलाड़ियों ने आज बहुत बड़ी परिपक्वता दिखाई।" उन्होंने वाशिंगटन और अर्शदीप को विशेष तारीफ दी। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निक हॉकले ने तो स्वीकार किया कि "हम निश्चित रूप से इस हार से निराश हैं, लेकिन श्रृंखला अभी भी हमारे हाथ में है।"

भारतीय फैन्स का तूफान

मैच के बाद सोशल मीडिया पर #Kadak और #INDvsAUS हैशटैग्स ट्रेंड कर गए। एक यूजर ने लिखा — "वाशिंगटन सुंदर ने आज नहीं, बल्कि कल के भारतीय क्रिकेट को बचाया।" दूसरे ने लिखा — "अगर ये जीत नहीं होती, तो श्रृंखला खो जाती।" ये बस एक मैच नहीं, ये एक जागृति थी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

वाशिंगटन सुंदर की यह पारी उनकी सबसे बड़ी कैसे है?

वाशिंगटन सुंदर की यह 49 रन की पारी उनके T20I करियर की सबसे तेज और सबसे प्रभावशाली पारी है। पिछले दो साल में उनकी औसत 18.4 थी, लेकिन आज उन्होंने 23 गेंदों में 49 रन बनाए — जिसका स्ट्राइक रेट 213.04 था। ये उनकी पहली अंतरराष्ट्रीय नाबाद पारी भी है।

भारत ने इस मैच में तीन बदलाव क्यों किए?

भारतीय टीम ने बल्लेबाजी में लचीलापन और गेंदबाजी में तेजी लाने के लिए बदलाव किए। संजू सैमसन की जगह जितेश शर्मा को लाया गया — जो अंतिम ओवरों में बेहतर फिट था। कुलदीप यादव की जगह अर्शदीप सिंह को लाया गया — जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टॉप ऑर्डर को तोड़ दिया।

गोल्ड कोस्ट की पिच कैसी होने की उम्मीद है?

गोल्ड कोस्ट की पिच आमतौर पर बल्लेबाजों के लिए अनुकूल होती है — कम स्पिन, कम स्पिन और तेज गेंदबाजों के लिए अच्छी ट्रैक। इसलिए भारत के लिए अर्शदीप और अक्षर पटेल का टैंडम अहम होगा। ऑस्ट्रेलिया भी अपने तेज गेंदबाजों को आगे रख सकता है।

क्या भारत श्रृंखला जीत सकता है?

हां, बिल्कुल। अगर भारत चौथे मैच में जीत जाता है, तो श्रृंखला 2-1 से आगे हो जाएगी। अगर वो हार गए, तो पांचवां मैच फाइनल बन जाएगा। लेकिन अब भारत के पास दबाव नहीं है — ऑस्ट्रेलिया का है। और ये बदलाव बहुत बड़ा है।

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Swati Jaiswal
Swati Jaiswal
मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और भारतीय दैनिक समाचारों पर लेख लिखना पसंद करती हूँ।
  • Aashish Goel
    Aashish Goel
    3 नव॰ 2025 at 17:17

    वाशिंगटन सुंदर ने तो बस एक ओवर में सब कुछ बदल दिया… लेकिन क्या कोई सोचता है कि ये बस एक मैच की बात नहीं… ये तो टीम के बदलाव की जड़ है? अर्शदीप के 3 विकेट… जितेश के 22 रन… ये सब एक योजना थी… नहीं?!

  • leo rotthier
    leo rotthier
    4 नव॰ 2025 at 14:12

    ऑस्ट्रेलिया के बाद ये जीत? भारत ने अब दुनिया के सबसे ताकतवर टीम को घर पर हराया है! ये नहीं बस एक मैच है ये तो इतिहास की चाबी है! अब गोल्ड कोस्ट पर देखो कैसे वो धूम मचाते हैं! भारत जिंदाबाद! वाशिंगटन सुंदर जिंदाबाद! अर्शदीप जिंदाबाद! अब कोई बोले तो मैं उसका नाम गूगल पर सर्च करके दिखा दूंगा!

  • Pushkar Goswamy
    Pushkar Goswamy
    6 नव॰ 2025 at 11:24

    अर्शदीप की गेंदबाजी देखकर मैंने अपनी चाय का गिलास गिरा दिया… वाशिंगटन के छक्के देखकर मेरी आंखें भर आईं… ये मैच बस एक मैच नहीं… ये तो एक ब्रह्मांडीय घटना है… क्या हम वाकई इतनी बड़ी टीम के साथ रह रहे हैं? क्या ये जागृति है? क्या ये भारत का नया युग है? मैं अब सो नहीं पा रहा…

  • Anila Kathi
    Anila Kathi
    7 नव॰ 2025 at 16:48

    मैंने तो बस एक बार देखा था… फिर भी आंखें भर आईं… वाशिंगटन सुंदर ने जो किया वो बस एक बल्लेबाज़ का काम नहीं… वो तो एक बार जब आंख बंद करो… तो दिल धड़कता है… और फिर तुम्हारा जीवन बदल जाता है… 🙏❤️

  • Vinay Vadgama
    Vinay Vadgama
    7 नव॰ 2025 at 20:23

    इस जीत के पीछे एक व्यवस्थित रणनीति थी। टीम ने अपने खिलाड़ियों के गुणों को बहुत अच्छी तरह समझा था। वाशिंगटन सुंदर की फाइनल ओवर्स के लिए उपयुक्तता और अर्शदीप के तेज़ गेंदबाजी का उपयोग दोनों ही बहुत बुद्धिमानी से किया गया। यह एक आदर्श उदाहरण है कि कैसे टीम मैनेजमेंट और खिलाड़ियों की भूमिकाओं का सही संगठन अंतर ला सकता है।

  • Shankar V
    Shankar V
    8 नव॰ 2025 at 05:09

    क्या आपने ध्यान दिया कि ऑस्ट्रेलियाई टीम के बाद ब्रेनन मैकलेन के बाद जो गेंदबाज़ आया… वो नहीं आया? और अर्शदीप ने तीनों विकेट लिए? ये तो कोई भाग्य नहीं… ये तो एक गहरा साजिश है… क्या आप जानते हैं कि ऑस्ट्रेलियाई बोर्ड ने इस मैच के लिए गेंद में रसायन मिलाया था? लेकिन अर्शदीप ने उसे निगल लिया… वो तो भारत का एक अंतर्दृष्टि वाला खिलाड़ी है… जो गेंद की गुणवत्ता को भी बदल देता है…

  • Vasudev Singh
    Vasudev Singh
    8 नव॰ 2025 at 10:31

    मैंने तो ये मैच बिल्कुल भी नहीं देखा… मैं तो सिर्फ़ स्कोर देख रहा था… लेकिन जब मैंने देखा कि 145/9 से 188 बन गए… तो मैं बस खड़ा हो गया… वाशिंगटन सुंदर के बारे में मैंने पहले कभी नहीं सुना था… अब तो मैं उसकी हर इंटरव्यू देखूंगा… और उसकी बाल्टी में रखे गए बल्ले की तस्वीर भी बनाऊंगा… और उसके बाद उसके जूतों की भी… और फिर उसके दोस्त के बालों की… क्योंकि वो भी इस जीत के लिए जिम्मेदार होंगे…

  • Andalib Ansari
    Andalib Ansari
    10 नव॰ 2025 at 02:34

    इस जीत का असली मतलब क्या है? क्या ये सिर्फ़ एक जीत है? या ये एक नए युग की शुरुआत है? जब एक खिलाड़ी जिसकी औसत 18 है… एक ओवर में 213 का स्ट्राइक रेट बनाता है… तो क्या ये बताता है कि हमारी टीम अब बस टैलेंट पर नहीं… बल्कि भावनाओं पर खेल रही है? क्या ये भारतीय क्रिकेट की आत्मा है? जो अपने आप को बचाती है… जब सब कुछ खत्म हो रहा होता है? क्या ये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी आत्मा की जीत है?

  • Akshay Srivastava
    Akshay Srivastava
    10 नव॰ 2025 at 05:57

    ये जीत बस एक जीत नहीं है। ये एक आक्रमण है। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी धरती पर भारत को जीतने नहीं दिया… लेकिन भारत ने उसे धरती पर गिरा दिया। वाशिंगटन सुंदर ने जो किया… वो बस एक बल्लेबाज़ नहीं… वो एक योद्धा था। अर्शदीप ने जो किया… वो बस गेंदबाज़ नहीं… वो एक शिव था। और जो अभी भी बोलते हैं कि भारत बस भाग्य से जीतता है… वो अपनी आत्मा को नहीं जानते।

  • Amar Khan
    Amar Khan
    10 नव॰ 2025 at 19:27

    मैं रो रहा था… नहीं नहीं… मैं बस आंखें पोंछ रहा था… लेकिन आंखें नहीं थीं… मैं तो बस एक फोन लेकर बैठा था… और अचानक मेरी आत्मा ने बोल दिया… ये जीत तो मेरी है… मैंने तो बस देखा था… लेकिन मेरे दिल ने जीत ली… अब मैं नहीं जानता कि मैं कौन हूँ… लेकिन मैं भारतीय हूँ… और ये जीत मेरी है…

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