जब मिथुन मानहास, पूर्व दिल्ली के क्रिकेटर और जम्मू‑कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी को BCCI का नया अध्यक्ष घोषित किया गया, तो पूरे क्रिकेट जगत में हलचल मच गई। यह घोषणा रविवार, 28 सितंबर 2025 को वार्षिक साधारण सभा (AGM)नई दिल्ली में हुई, जहाँ 200 से अधिक मतदाताओं ने मतदान किया।
AGM के प्रमुख क्षण
सत्र की शुरुआत बोर्ड के सचिव ने ब्रीफ़िंग से की, फिर रजिव शुक्ला, जो interim अध्यक्ष थे, ने अपने अड्हॉक कार्यकाल की समाप्ति की घोषणा की। महाभियोग नहीं, बल्कि सर्वसम्मति से मिथुन को अध्यक्ष चुना गया। इस फैसले के पीछे झांकते ही कई दलाली वाले नाम सामने आए, पर अंत में फोकस बिंदु था प्रबंधकीय अनुभव और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व।
मिथुन मानहास की पृष्ठभूमि और करियर
भूपाली जिले के भदेरवा हिल्स से आए मिथुन ने 2002‑03 में दिल्ली स्टेट टीम का कप्तान पद संभाला। अपने खेल करियर के बाद उन्होंने 2019 में JKCA में प्रशासनिक भूमिका ग्रहण की और चार साल में टीम को सात विभिन्न आयु‑समूहों में नॉक‑आउट तक पहुँचाया। यह उपलब्धि पूर्व में कभी नहीं देखी गई थी, जिससे उनकी ‘ग्रासरूट मैनेजमेंट’ क्षमता की सराहना हुई।
उनके कार्यकाल में प्रमुख बदलावों में प्रशिक्षण सुविधाओं का आधुनिकीकरण, स्काउटिंग नेटवर्क का विस्तार और स्थानीय टैलेंट के लिए स्कॉलरशिप योजना का प्रवर्तन शामिल है। उन्होंने कहा, "मेरी मेहनत और क्रेडिट्स ने इस मुकाम तक पहुँचाया, लेकिन यह सिर्फ मेरा व्यक्तिगत जीत नहीं, बल्कि जम्मू‑कश्मीर क्रिकेट का उत्सव है।"
निर्वाचन के कारण और प्रतिस्पर्धी
वास्तव में कई दिग्गज उम्मीदवार थे: सौरव गांगुली, हरभजन सिंह और रघुराम भट्ट। लेकिन बोर्ड के प्रमुख निर्णय‑निर्माता, जिसमें गौतम गैम्बीर (भारत टीम के कोच) की अप्रत्यक्ष सलाह भी शामिल थी, ने एक सादा लेकिन प्रभावी समीक्षण किया। गांगुली की बहिर्मुखी शैली, हरभजन की युवा‑आयु के कारण अनुभव की कमी, और भट्ट की कर्नाटक‑भृत्य के दोहराव की नीति को देखते हुए, मिथुन को सबसे संतुलित विकल्प माना गया।
एक और रोचक बात यह थी कि डॉ. जितेंद्र सिंह, केंद्र सरकार के विज्ञान‑तकनीक मंत्री, ने X (Twitter) पर इस चयन को "एक ऐतिहासिक क्षण" कहा, विशेषकर दादा जिले के प्रतिनिधित्व को लेकर।
नई संरचना और पदों का विवरण
AGM में कई पदों की पुनर्संरचना भी हुई। रजिव शुक्ला को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया, जबकि रघुराम भट्ट को कोषाध्यक्ष (Treasurer) की कुंजी दी गई। साथ ही, रोजर बिनी के इस्तीफे के बाद उनका कार्यकाल आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गया।
राष्ट्रपति का वेतन स्थायी नहीं है – यह एक सम्मानित पद है। दैनिक भत्ता ₹40,000 घरेलू मीटिंगs के लिए और अंतरराष्ट्रीय मीटिंगs के लिये USD 1,000 (लगभग ₹89,000) तय किया गया है, जो अन्य शीर्ष अधिकारियों के समान है। ये भत्ते यात्रा, आवास और आधिकारिक खर्चों को कवर करेंगे।
भविष्य की योजनाएँ और चुनौतियाँ
मिथुन ने कहा कि उनका प्राथमिक लक्ष्य "भारत को विश्व क्रिकेट में नयी ऊँचाइयों पर ले जाना" है, साथ ही जमीनी स्तर पर सड़कों पर खेल को लोकप्रिय बनाना। उन्होंने IPL के प्रतिफल‑शेयरिंग मॉडल को पुनः देखे जाने, महिला क्रिकेट के लिए समर्पित फंड स्थापित करने और छोटे‑शहरों में इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने की योजना बताई।
सवाल अभी भी बना है कि क्या एक दूरस्थ जिले का प्रतिनिधि बCCI के बड़े‑बड़े निर्णयों में प्रभावी रूप से आवाज़ उठा पाएगा। कई विशेषज्ञों का मानना है कि गठबंधन (कॉन्फ्रेंस) और राज्य बोर्डों के साथ तालमेल बेहतर बनाना सबसे बड़ी चुनौती होगी।
मुख्य तथ्य
- नया अध्यक्ष: मिथुन मानहास (45 साल)
- घोषणा: वार्षिक साधारण सभा, 28 सितंबर 2025, नई दिल्ली
- पिछला अध्यक्ष: रोज़र बिनी (अगस्त 2025 में इस्तीफा)
- दैनिक भत्ता: ₹40,000 (घरेलू) / USD 1,000 (अंतरराष्ट्रीय)
- मुख्य प्रतिपादित परिवर्तन: महिला क्रिकेट फंड, छोटे‑शहरों में इन्फ्रास्ट्रक्चर
Frequently Asked Questions
मिथुन मानहास के चयन से भारतीय क्रिकेट को क्या लाभ होगा?
उनका ग्रासरूट अनुभव और JKCA में सफलता इस बात का संकेत देती है कि वह निचले स्तर के टैलेंट को पहचानने और पोषण करने में निपुण हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि इससे छोटे‑शहरों और दूरदराज़ क्षेत्रों में खिलाड़ी तैयार करने की प्रक्रिया तेज़ होगी।
क्या BCCI के वित्तीय ढांचे में बदलाव आएगा?
वर्तमान में राष्ट्रपति को कोई स्थायी वेतन नहीं दिया जाता, केवल दैनिक भत्ता मिलता है। हालाँकि, मिथुन ने IPL की राजस्व साझेदारी को पुनः विचार करने और महिला क्रिकेट के लिए अलग फंड बनाने का इरादा जताया है, जिससे वित्तीय संरचना में बदलाव की संभावना है।
रजिव शुक्ला का उपाध्यक्ष बनना क्या संकेत देता है?
शुक्ला interim अध्यक्ष थे और उनका लगातार प्रशासनिक अनुभव बोर्ड में स्थिरता लाएगा। उनका उपाध्यक्ष बनना यह संकेत देता है कि BCCI मौजूदा नेतृत्व को पूरी तरह से बदलने के बजाय निरंतरता पर भरोसा कर रहा है।
जम्मू‑कश्मीर के लिए यह नियुक्ति क्यों महत्वपूर्ण है?
भदेरवा‑डोडा क्षेत्र से एक राष्ट्रीय स्तर का नेतृत्व प्रकट होना क्षेत्रीय अभिमान को बढ़ाएगा। इससे स्थानीय सुविधाओं में निवेश, कोचिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर और युवा टैलेंट के लिए अधिक अवसर मिलेंगे, जैसा कि मानहास ने अपने JKCA कार्यकाल में दिखाया है।
बॉलिंग‑डायरेक्टर (कोच) गौतम गैम्बीर की भूमिका क्या रही?
हालाँकि गैम्बीर ने आधिकारिक रूप से उम्मीदवार का समर्थन नहीं किया, पर उनके ‘इनविज़िबल हैंड’ के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने चयन प्रक्रिया में रणनीतिक सलाह दी, जिससे मानहास को अंततः प्राथमिकता मिली।
Sandhya Mohan
29 सित॰ 2025 at 19:33मिथुन मानहास का चयन हमारे क्रिकेट के भविष्य को नया दिशा दे सकता है। उनके ग्रासरूट अनुभव से छोटे शहरों के खिलाड़ियों को सच्चा मौका मिलेगा।