गोपाळ नारायण विश्वविद्यालय में अज़िम प्रेमजी फाउंडेशन स्कॉलरशिप पर चर्चा

गोपाळ नारायण विश्वविद्यालय में अज़िम प्रेमजी फाउंडेशन स्कॉलरशिप पर चर्चा

गोपाळ नारायण विश्वविद्यालय में अज़िम प्रेमजी फाउंडेशन स्कॉलरशिप पर चर्चा

पिछले हफ़्ते गोपाळ नारायण विश्वविद्यालय में एक विशेष सत्र आयोजित किया गया, जहाँ अज़िम प्रेमजी फाउंडेशन की महिला छात्रवृत्ति योजना पर विस्तार से बात हुई। इस मंच पर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी, स्थानीय स्कूल प्रधानाचार्य और कुछ प्रथम‑सेकंड की छात्राएँ भी मौजूद थीं। उन्होंने बताया कि इस स्कॉलरशिप का उद्देश्य सरकारी स्कूलों की लड़कियों को उच्च शिक्षा तक पहुँचाने में मदद करना है।

सत्र की शुरुआत में फाउंडेशन द्वारा जारी आधिकारिक ब्रोशर वितरित किया गया, जिसमें अज़िम प्रेमजी फाउंडेशन स्कॉलरशिप की प्रमुख बातें लिखी थीं। उपस्थित लोगों ने सवाल‑जवाब के दौर में इस योजना के वास्तविक प्रभाव, चयन प्रक्रिया और वित्तीय सहायता की विस्तृत जानकारी मांगी। कई छात्राओं ने यह कहा कि यह निधि उनके लिए पढ़ाई जारी रखने की संभावनाओं को वास्तविक बनाती है।

छात्रवृत्ति की मुख्य शर्तें और लाभ

छात्रवृत्ति की मुख्य शर्तें और लाभ

फाउंडेशन ने स्कॉलरशिप की बुनियादी शर्तें स्पष्ट कीं:

  • दूसरी बोर्ड की पढ़ाई पूरी करने के बाद सरकारी या सरकारी मान्यता प्राप्त कॉलेज में दाखिला लेना।
  • 10वीं और 12वीं दोनों में 60% या अधिक अंक प्राप्त करना।
  • आवेदन के समय पारिवारिक आय सीमा के भीतर होना, जिससे कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि वाले छात्रों को प्राथमिकता मिले।
  • हर वर्ष 30,000 रुपये की वित्तीय सहायता, जो ट्यूशन फीस, पुस्तकें और अन्य शैक्षणिक खर्चों में मदद करती है।

ब्यौरा देने वाले ने बताया कि इस साल के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर 2025 रखी गई है और 18 राज्यों में यह योजना लागू है, जिसमें बिहार भी शामिल है। उमीदवारों को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपना आवेदन जमा करना होगा, जहाँ उन्होंने अपनी शैक्षणिक रिपोर्ट, पहचान पत्र और आय प्रमाण पत्र अपलोड करना होगा।

सत्र में यह भी रेखांकित किया गया कि इस छात्रवृत्ति को सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि महिलाओं को आत्मविश्वास और सामाजिक पहचान दिलाने का एक साधन माना जाता है। विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से कैंपस की विविधता बढ़ेगी और महिलाओं की भागीदारी में सुधार आएगा।

आगामी हफ़्तों में विश्वविद्यालय ने फाउंडेशन के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर एक कार्यशाला आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है, जहाँ इच्छुक छात्राएँ सीधे आवेदन प्रक्रिया को समझ सकेंगी और अपने सवालों के जवाब पा सकेंगी। इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि अधिक से अधिक ग़रीब परिवारों की लड़कियाँ उच्च शिक्षा की ओर कदम बढ़ाएँगी।

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Swati Jaiswal
Swati Jaiswal
मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और भारतीय दैनिक समाचारों पर लेख लिखना पसंद करती हूँ।

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