मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव: ईरान-इज़राइल संकट का अद्यतन
मध्य पूर्व एक बार फिर से भयानक संकट में है। हाल ही में तेहरान में हिज़बुल्लाह नेता इस्माइल हनिया और बीरूत में फौद शुक़र की हत्या के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव गहराता जा रहा है। इन हत्याओं के लिए ईरान इज़राइल को जिम्मेदार ठहरा रहा है और जवाबी कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
ईरान के उच्चतम नेता का कड़ा सन्देश
ईरान के सर्वोच्च नेता, अयातुल्लाह अली खामेनेई ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अब इज़राइल पर प्रत्यक्ष हमले का समय आ गया है। उनके अनुसार, यह समय ईरान के लिए निर्णायक है और उन्हें इज़राइल को उसकी हरकतों का सख़्त जवाब देना होगा।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, नासेर कन्नान, ने भी इस सन्देश को दोहराते हुए कहा कि तेहरान को संघर्ष की वृद्धि नहीं चाहिए परंतु इज़राइल को उसकी करतूत के लिए दंडित करना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान के पास इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है।
हिज़बुल्लाह की धमकी
लेबनान में ईरान के प्रॉक्सी के रूप में कार्यरत हिज़बुल्लाह ने भी इज़राइल के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रतिक्रिया देने की धमकी दी है। हिज़बुल्लाह पहले से ही इज़राइल के साथ छिटपुट हमलों में शामिल है, जिसमें हज़ारों रॉकेट और ड्रोन हमले शामिल हैं। इन हमलों का उद्देश्य हमास के साथ एकजुटता दिखाना है।
इज़राइल ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। विशेष रूप से लेबनान सीमा के पास के नागरिकों को निकाल लिया गया है और किसी भी अप्रत्याशित घटना के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लेबनान को आपातकालीन चिकित्सा आपूर्ति भेजी है, ताकि किसी भी बड़े संकट से निपटा जा सके। कई देश इस संकट को कम करने के लिए राजनयिक प्रयास कर रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ बैठक की है और इस संकट पर चर्चा की है। उन्होंने जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला से भी फोन पर बात की है।
इज़राइल की सुरक्षा तैयारियां
इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने अपनी तैयारियों की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि वे किसी भी खतरे का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, चाहे वह ईरान से हो या उसके प्रॉक्सी से।
उत्तेजना में वृद्धि
स्थिति अभी भी अत्यंत अस्थिर है और इस बात की प्रबल आशंका है कि यह संकट किसी भी समय बड़े संघर्ष में बदल सकता है। ईरान और इज़राइल के बीच तनाव ने मध्य पूर्व को एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर ला खड़ा किया है।
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