जर्मन कप के राउंड ऑफ 16 में बोरुसिया डॉर्टमुंड की सीजन की उम्मीदें टूट गईं, जब उन्हें बायर 04 लेवरकूजेन ने 1-0 से हरा दिया। शनिवार को डॉर्टमुंड ने इसी टीम को 4-1 से हराया था, लेकिन अब वही टीम ने उन्हें घर के मैदान पर बाहर कर दिया। ये बदलाव इतना तेज़ था कि फैंस के लिए यह लग रहा था जैसे एक फुटबॉल फिल्म का अंत हो गया हो। दिनांक 2 दिसंबर, 2025 को डॉर्टमुंड के सिग्नल इडुना पार्क में खेले गए इस मैच का फैसला 34वें मिनट में इब्राहिम माजा ने किया, जिन्होंने अपना पहला गोल डालकर लेवरकूजेन को कप के क्वार्टरफाइनल में पहुँचा दिया।
शनिवार का बड़ा जीत, मंगलवार का बड़ा झटका
सिर्फ तीन दिन पहले, बायर लेवरकूजेन के घरेलू मैदान पर बोरुसिया डॉर्टमुंड ने 4-1 से जीत दर्ज की थी। उस जीत के बाद डॉर्टमुंड के खिलाड़ी और कोच ने खुशी मनाई थी। लेकिन फिर आया मंगलवार। वही मैदान, वही खिलाड़ी, लेकिन पूरी तरह अलग गतिशीलता। लेवरकूजेन के कोच निको कोवैच ने अपनी टीम को बिल्कुल अलग तरीके से तैयार किया। उन्होंने बार-बार डॉर्टमुंड के अटैक को रोकने के लिए डिफेंस को घना कर दिया। जब डॉर्टमुंड ने बल लगाया, तो लेवरकूजेन के गोलकीपर मार्क फ्लेक्केन ने एक बार फिर अपनी शानदार पार्ड दिखाई — 70वें मिनट में एक ज़बरदस्त सेव।
गोल का पल: जब एक फ्री किक ने बदल दी किस्मत
34वें मिनट में, लेवरकूजेन के मिडफील्डर ने एक लंबा पास दिया। गेंद बाहर की ओर गई, लेकिन एक झटके से वापस आई। इब्राहिम माजा ने एक झपट्टा मारा — बिना किसी झिझक के। गोल बन गया। डॉर्टमुंड के डिफेंस ने देखा, गोलकीपर ग्रेगर कोबेल ने देखा, लेकिन कोई भी रोक नहीं सका। ये गोल इतना सरल था कि लग रहा था जैसे इसकी तैयारी पहले से ही हो रही थी। और वास्तव में, थी। लेवरकूजेन ने इसी तरह के प्लेसेट अभ्यास किए थे।
डॉर्टमुंड का आखिरी झटका
90वें मिनट के बाद के 7 सेकंड में, डॉर्टमुंड का युवा मिडफील्डर जोबे बेलिंघम ने एक ज़बरदस्त हेडर लगाया। गेंद गोल के ऊपरी केंद्र की ओर जा रही थी। लेकिन फ्लेक्केन ने एक ऐसी पार्ड की जो फिल्मों में देखी जाती है। उन्होंने अपने दाएं हाथ से गेंद को ऊपर धकेल दिया, जैसे एक डांसर ने अपना शरीर घुमाया हो। ये सेव ने लेवरकूजेन को कप में आगे बढ़ने का मौका दिया। डॉर्टमुंड के खिलाड़ी खड़े हो गए, फैंस चुप हो गए। जब रेफरी ने सीटी बजाई, तो कोई नहीं बोला।
कोच की रणनीति: कम बल, ज्यादा बुद्धि
निको कोवैच ने बस एक बात की थी — डॉर्टमुंड को अपने आप में फंसा दो। उन्होंने अपनी टीम को एक घनी डिफेंस में भेजा। बाहरी खिलाड़ी ने अपने अपने मार्कर को लगातार ट्रैक किया। जब डॉर्टमुंड के बल्लेबाज़ बीच में आए, तो लेवरकूजेन के डिफेंडर्स ने उन्हें बिना गेंद के छोड़ दिया। ये ताकत नहीं, बल्कि तकनीक थी। और ये तकनीक ने डॉर्टमुंड को बेकार लगने दिया। एक टीम जो तीन दिन पहले चार गोल कर चुकी थी, उसने आज कोई भी गोल नहीं किया।
असर: डॉर्टमुंड के लिए अब सिर्फ बुंडेसलीगा
अब डॉर्टमुंड के पास केवल एक ही लक्ष्य बचा है — बुंडेसलीगा। उनका अगला मैच टीएसजी होफ़नहाइम के खिलाफ है, जो उनके लिए एक बड़ा चुनौती बन सकता है। कप से बाहर होने से टीम का मनोबल टूट सकता है। लेकिन यह भी सच है कि एक टीम जो दो मैचों में दोनों तरफ से जीत और हार देख चुकी है, वह अपनी ताकत को समझने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो चुकी है।
लेवरकूजेन की उड़ान: कप की ओर एक कदम
बायर 04 लेवरकूजेन, जो इस सीजन में बुंडेसलीगा में भी टॉप पर है, अब कप के क्वार्टरफाइनल में पहुँच गई है। ये उनके लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। कोवैच के नेतृत्व में, जो 1 जून, 2024 से टीम के कोच हैं, लेवरकूजेन ने अब तक किसी भी बड़े मैच में अपनी ताकत दिखाई है। ये जीत सिर्फ एक गोल नहीं, बल्कि एक विश्वास का संकेत है।
क्या आगे होगा?
अगले दो हफ्तों में, लेवरकूजेन को एक और बड़ा मुकाबला करना होगा। जबकि डॉर्टमुंड को बुंडेसलीगा में अपनी जगह बनाने के लिए ज़रूरी मैच जीतने होंगे। दोनों टीमें अब अलग रास्ते पर हैं। लेकिन ये दो मैच याद रखे जाएंगे — एक जहाँ डॉर्टमुंड ने बड़ा जीत दर्ज किया, और एक जहाँ लेवरकूजेन ने अपनी ताकत दिखाई।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
इब्राहिम माजा कौन हैं और उनका यह गोल क्यों महत्वपूर्ण है?
इब्राहिम माजा, 23 साल के जर्मन-नाइजीरियाई फॉरवर्ड, बायर लेवरकूजेन के लिए इस सीजन के सबसे अहम खिलाड़ियों में से एक हैं। यह गोल उनका पहला टर्नीमेंट गोल था, और इसने टीम को कप के क्वार्टरफाइनल में पहुँचाया। यह गोल उनकी तेज़ी और निर्णय लेने की क्षमता का प्रतीक है — एक ऐसा पल जिसमें एक युवा खिलाड़ी ने टीम की किस्मत बदल दी।
बोरुसिया डॉर्टमुंड को कप से बाहर होने का क्या असर होगा?
इससे डॉर्टमुंड का मनोबल प्रभावित हो सकता है, खासकर जब उन्होंने सिर्फ तीन दिन पहले इसी टीम को हराया था। अब उन्हें बुंडेसलीगा में अपनी जगह बनाने के लिए सभी ध्यान केंद्रित करना होगा। यह नुकसान उनके लिए एक सबक बन सकता है कि फुटबॉल में एक ही दिन का फैसला नहीं होता।
निको कोवैच की रणनीति क्या अलग थी?
कोवैच ने डॉर्टमुंड के अटैक को निष्क्रिय बनाने के लिए डिफेंस को घना किया। उन्होंने मिडफील्ड में बल लगाया और बाहरी खिलाड़ियों को ट्रैक करने के लिए लगातार दबाव बनाया। इससे डॉर्टमुंड के खिलाड़ी बेकार रहे, और लेवरकूजेन को गोल का मौका मिला।
मार्क फ्लेक्केन का सेव क्यों इतना विशेष था?
90वें मिनट के बाद के 7 सेकंड में जोबे बेलिंघम के हेडर को फ्लेक्केन ने ऊपर की ओर धकेल दिया, जिससे गोल नहीं हुआ। ये सेव इतना तेज़ और सटीक था कि इसे फुटबॉल विश्लेषकों ने ‘कलात्मक’ बताया। इसके बिना, लेवरकूजेन का जीत असंभव होता।
लेवरकूजेन के लिए अगला मैच कब है?
लेवरकूजेन अब कप के क्वार्टरफाइनल में पहुँच गई है, जहाँ उनका अगला मुकाबला एक और बुंडेसलीगा टीम के खिलाफ होगा। अभी तक ओपनिंग के लिए तारीख घोषित नहीं हुई है, लेकिन यह अगले दो हफ्तों में होने की संभावना है।
क्या यह मैच बुंडेसलीगा के लिए कोई नया ट्रेंड बना सकता है?
हाँ। यह मैच दिखाता है कि बुंडेसलीगा में अब टीमें अपनी रणनीति को दिन-प्रतिदिन बदल रही हैं। एक टीम जो जीत रही है, वह अगले दिन हार सकती है। यह अनिश्चितता लीग को और रोमांचक बना रही है, और यही जर्मन फुटबॉल की सबसे बड़ी ताकत है।
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