PKL सीज़न 12 ऑक्शन में रिकॉर्ड खर्च: दो करोड़ वाले सितारे, नवतम प्रतिभा पर दांव

PKL सीज़न 12 ऑक्शन में रिकॉर्ड खर्च: दो करोड़ वाले सितारे, नवतम प्रतिभा पर दांव

जब मोहम्मदरेजा शडलौई चियानेह, इरानी ऑल‑राउंडर को गुजरात जायंट्स ने सिर्फ दो दिन पहले के ऑक्शन में 2.23 करोड़ रुपये की बोली पर खरीदा, तो पूरी कबड्डी दुनिया में हलचल मच गई।

जून 1, 2025 को समाप्त हुआ प्रो कबड्डी लीग सीज़न 12 प्लेयर ऑक्शनमुंबई दो दिन में 121 खिलाड़ियों को 37.90 करोड़ रुपये के ऐतिहासिक खर्च पर खरीदा गया। यह आंकड़ा पिछले सालों के मुकाबले लगभग दोगुना है और इस बात का संकेत देता है कि कबड्डी अब सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक बड़ा व्यवसाय बन चुका है।

ऑक्शन का इतिहास: छोटे से बड़े की कहानी

पहले सीज़न में टीमों का कुल वेतन क्रमशः 60 लाख रुपये था और सबसे महँगी खरीद 12.8 लाख रुपये की हुई थी। अब वही मंच पर दस खिलाड़ी एक करोड़ रुपये से ऊपर की कीमत पर बिक रहे हैं। इस बदलाव का कारण सिर्फ़ टेलीविज़न अधिकार नहीं, बल्कि ब्रांड स्पॉन्सरशिप, डिजिटल स्ट्रीमिंग और सामाजिक मीडिया की बढ़ती महत्त्वता है।

दुर्लभ दो करोड़ वाले खिलाड़ी

ऑक्शन के पहले ही मिनट में गुजरात जायंट्स ने मोहम्मदरेजा शडलौई चियानेह को 2.23 करोड़ रुपये की कीमत पर खरीदा, जिससे वह लगातार तीसरे सीज़न में दो करोड़ रुपये से ऊपर की बोली जीतने वाला पहला खिलाड़ी बन गया। उसी टेबल पर देवांक दलाल, जो पिछले सीज़न के बेस्ट रायडर थे, को बेंगल वारियर्स ने 2.205 करोड़ रुपये में अपना बना लिया। दो करोड़ वाले इन दो खिलाड़ीयों ने यह साबित कर दिया कि कबड्डी में रक्षात्मक कौशल भी अब वही मूल्य रखता है जैसा कि हाई‑स्कोरिंग राइडर रखते थे।

वृद्ध खिलाड़ियों का आकस्मिक पतन

ऑक्शन में सबसे बड़ी आश्चर्यजनक खबर पर्दीप नरवाल का अनसोल्ड रहना था। पिछले कई सीज़न में उन्हें 2 करोड़ से ऊपर की बोली मिलती थी, पर इस बार उन्होंने कोई भी टीम नहीं पकड़ी। यह बदलाव संकेत देता है कि फ्रेंचाइजी अब केवल अनुभव नहीं, बल्कि वर्तमान फॉर्म और टीम डायनामिक को ज़्यादा महत्व दे रही हैं।

दुर्भाग्यवश, फावड़े के छोटे‑छोटे हिस्से में भी छोटे‑छोटे बदलाव नज़र आ रहे हैं। जैसे आनिल मोहन, जो कैटेगरी D खिलाड़ी थे, को यू मुंबई ने 78 लाख रुपये में खरीदा – यह बोली कई टीमों के बीच तीव्र मुकाबले के बाद तय हुई।

युवा प्रतिभा का नया दौर

युवा प्रतिभा का नया दौर

उत्साह की बात तो यही है कि इस ऑक्शन ने कई उभरते सितारों को उजागर किया। सुरेश जाधव को टैमिल थलाइवाज़ ने, उदयparte को जयपुर पिंक पैंथर्स ने क्रमशः 55 लाख और 62 लाख में खरीदा। टीमों ने स्पष्ट रूप से बताया कि वे भविष्य के लिए निवेश कर रहे हैं, न कि केवल तुरंत जीत के लिए।

बेंगल वारियर्स ने अपने मौजूदा सितारे विश्वस एस के चारों ओर एक ठोस टीम तैयार की, जिसमें ओवरसीज़ स्टार ओमिद खोजास्ते मोहम्मदशाह और जंग कून ले को 13 लाख रुपये की बोली पर शामिल किया गया। यह मिश्रण दिखाता है कि विदेशी ताकत भी अब स्थानीय प्रतिभा के साथ तालमेल बिठा रही है।

भविष्य के लिए संकेत

ऑक्शन के बाद विशेषज्ञों ने कहा कि इस सीज़न में कोई स्पष्ट दावेदार नहीं दिख रहा। यह बात खासकर उस दर्शक वर्ग के लिए दिलचस्प है जो पिछले सीज़न में ‘बिग फ्लैश’ देखता रहा। अब प्रत्येक टीम का फोकस बैलेंस्ड स्क्वाड तैयार करने पर है, जिससे हर मैच में अनपेक्षित मोड़ आ सकते हैं।

कभी‑कभी ऐसा लगता है जैसे कबड्डी ने अपनी खुद की "बिडिंग थ्रिल" को एक नई एंट्री दे दी है। जैसे ही स्क्वाड फाइनल में पहुंचेंगे, हमें ज़रूर पता चलेगा कि बड़ी रकम और नई युवा रणनीति के बीच कौन जीतता है।

मुख्य आँकड़े

  • कुल खर्च: ₹37.90 crore
  • खरीदे गये खिलाड़ी: 121
  • दो करोड़ वाले खिलाड़ी: 2 (शडलौई चियानेह, देवांक दलाल)
  • एक करोड़ से ऊपर की बोली वाले खिलाड़ी: 10
  • अनसोल्ड रहने वाले दिग्गज: पर्दीप नरवाल
Frequently Asked Questions

Frequently Asked Questions

क्या इस ऑक्शन ने टीमों की रणनीति बदल दी?

हां, कई फ्रेंचाइजी अब केवल अनुभवी राइडर नहीं, बल्कि बहु‑भूमिका खिलाड़ी और युवा प्रतिभा पर दांव लगा रही हैं। यह बदलाव टीम के खेल शैली को अधिक लचीला बनाता है।

पर्दीप नरवाल के अनसोल्ड रहने का कारण क्या है?

विशेषज्ञों का मानना है कि उनके स्कोरिंग पैटर्न में गिरावट और महँगी बिड्स के बीच टीमों ने लागत‑प्रभावशीलता को प्राथमिकता दी। इससे वह इस साल का शिकार बन गए।

नया दौर में किन खिलाड़ियों को जल्द ही स्टार माना जाएगा?

आनिल मोहन, सुरेश जाधव और उदय पारते जैसे युवा खिलाड़ी उच्च बोली के कारण अब क्लब के महत्त्वपूर्ण घटक बन चुके हैं; आगे के हफ़्तों में उनकी परफ़ॉर्मेंस से यह तय होगा।

PKL के वित्तीय विकास में इस ऑक्शन ने क्या भूमिका निभाई?

रिकॉर्ड खर्च से यह स्पष्ट होता है कि विज्ञापन, ब्रोडकास्टिंग और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म से मिलने वाला राजस्व बढ़ा है, जिससे फ्रेंचाइजी महँगी खरीदारी कर रही हैं।

इस सीज़न में कौन सी टीम को सर्वश्रेष्ठ बनाने की उम्मीद है?

विशेषज्ञों ने कहा है कि वर्तमान में कोई भी टीम स्पष्ट दावेदार नहीं दिख रही; सभी के पास बराबर संतुलन है, इसलिए सीज़न में कई प्रत्याशित उलटफेर देखे जा सकते हैं।

PKL मोहम्मदरेजा शडलौई गुजरात जायंट्स देवांक दलाल पर्दीप नरवाल
Swati Jaiswal
Swati Jaiswal
मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और भारतीय दैनिक समाचारों पर लेख लिखना पसंद करती हूँ।
  • Rahul Jha
    Rahul Jha
    3 अक्तू॰ 2025 at 09:30

    ऑक्शन में इतना पैसा खर्च हो रहा है, यह देखकर दिल खुश हो गया! 😅

  • Gauri Sheth
    Gauri Sheth
    3 अक्तू॰ 2025 at 23:24

    सच कहूँ तो ये पैसे का बर्बादी है, खेल को इस तरह के धंधे में बदलना नैतिकता के खिलाफ है. लोग इस बड़ी रकम को देखकर असली खेल में दिलचस्पी खो देते है... लेकिन क्या इस से हमारे युवाओं में सही मूल्‍य नहीं गँवायेंगे? अभी से ही हमें सटीक दिशा में सोचबो की जरूरत है।

  • om biswas
    om biswas
    4 अक्तू॰ 2025 at 13:17

    देखो भाई लोग, कबड्डी का असली दिमाग़ खुद का नहीं, बाहर के पैसे का नहीं। ये दो करोड़ वाले खिलाड़ी सिर्फ शोर मचाने के लिये नहीं, बल्कि हमारी राष्ट्रीय धरोहर को बकवास मार्केटिंग में बदल रहे हैं। हमें फिर से अपने देश की टीम को सच्चे योद्धा बनाना चाहिए ना कि विदेशी जूब़रान में फेंकना।

  • sumi vinay
    sumi vinay
    5 अक्तू॰ 2025 at 03:10

    चलो, इस ऑक्शन को एक नई शुरुआत मानें! युवा प्रतिभाओं को इतना भरोसा दे कर टीमों ने भविष्य की नींव रखी है। हमें उनका समर्थन करना चाहिए और उन्हें उत्साहित रखने के लिए सकारात्मक माहौल बनाना चाहिए।

  • Anjali Das
    Anjali Das
    5 अक्तू॰ 2025 at 17:04

    यह बहुत ही शर्मनाक है कि हम अब दो करोड़ वाले खिलाड़ियों को ही सर्वाइवल का मानदंड बना रहे हैं। असली खेल भावना तो कड़ी मेहनत और निरंतर प्रशिक्षण में है, न कि महँगी बोली में। इस तरह की सोच से हमारी कबड्डी की सच्ची शक्ति कमजोर पड़ रही है।

  • Mohamed Rafi Mohamed Ansari
    Mohamed Rafi Mohamed Ansari
    6 अक्तू॰ 2025 at 06:57

    प्रो कबड्डी लीग (PKL) के सीज़न 12 ऑक्शन में कुल खर्च ₹37.90 करोड़ दर्ज किया गया, जो पिछले वर्षों की तुलना में लगभग दोगुना है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि कबड्डी ने केवल एक खेल से बढ़कर एक व्यावसायिक मंच का रूप ले लिया है। प्रथम स्तर के दो करोड़ वाले खिलाड़ी मोहम्मदरेजा शडलौई चियानेह और देवांक दलाल की खरीद ने इस बात की पुष्टि की है कि टीमें अब रक्षात्मक कौशल को भी उच्च मूल्य दे रही हैं। वहीं, पर्दीप नरवाल जैसे अनुभवी खिलाड़ी का अनसोल्ड रहना लागत‑प्रभावशीलता को प्राथमिकता देने की नई रणनीति को उजागर करता है। ऑक्शन में 121 खिलाड़ियों की खरीद का औसत मूल्य लगभग 31.3 लाख रुपये है, जो पूर्व सीज़नों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है। युवा प्रतिभा के पक्ष में निवेश करने वाली टीमों ने सुरेश जाधव, उदय पारते और आनिल मोहन जैसे खिलाड़ियों को क्रमशः 55, 62 और 78 लाख रुपये में खरीदा। यह कदम दर्शाता है कि फ्रैंचाइजी अब दीर्घकालिक विकास को प्राथमिकता दे रही हैं, न कि केवल तुरंत जीत की तलाश में। डिजिटल स्ट्रीमिंग, सामाजिक मीडिया और ब्रांड स्पॉन्सरशिप के बढ़ते राजस्व के कारण टीमों की वित्तीय क्षमता में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस व्यापक वित्तीय प्रवाह ने टीमों को महँगी बोली लगाने की हिम्मत दी है, जिससे कुल खर्च में इज़ाफ़ा हुआ। हालांकि, महँगी बोली का प्रभाव प्रदर्शन में हमेशा परिलक्षित नहीं होता; यह देखना बाकी है कि कौन खिलाड़ी अपने निवेश को वास्तविक अंक में बदल पाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि संतुलित स्क्वाड बनाना अब प्रतिस्पर्धा का मुख्य आधार है, जहाँ हर खिलाड़ी का बहु‑भूमिका होना आवश्यक है। इस प्रकार, भविष्य में हम देख सकते हैं कि टीमों का फोकस न केवल स्टार खिलाड़ियों पर, बल्कि सामूहिक सहयोग पर होगा। इस दिशा में बेंगल वारियर्स ने विश्वस एस के चारों ओर एक सुदृढ़ टीम का निर्माण किया है, जिसमें विदेशी सितारे और स्थानीय युवा मिलकर एक नई रणनीति अपनाते हैं। कुल मिलाकर, पीकेएल के इस ऑक्शन ने न केवल वित्तीय पक्ष में नई ऊँचाइयाँ छू ली हैं, बल्कि खेल की रणनीति, प्रबंधन और बाजार मूल्यांकन में भी एक नई मार्गदर्शिका स्थापित की है। अंत में, यह कहना सुरक्षित होगा कि आगामी सीज़न में टीमों की सफलता उनकी आर्थिक शक्ति और रणनीतिक योजना दोनों पर निर्भर करेगी।

  • अभिषेख भदौरिया
    अभिषेख भदौरिया
    6 अक्तू॰ 2025 at 20:50

    वित्तीय बढ़ोतरी ने कबड्डी को एक व्यावसायिक परिदृश्य दिया है, परन्तु हमसे यह उम्मीद भी की जाती है कि खेल का आत्मीय मूल स्वच्छ रहे। जब खिलाड़ी आर्थिक मूल्य के साथ-साथ सामाजिक मूल्य भी बनें, तो यह एक समृद्धि की ओर कदम होगा।

  • Nathan Ryu
    Nathan Ryu
    7 अक्तू॰ 2025 at 10:44

    ऑक्शन की बड़ी रकम देखकर ऐसा लगता है कि कबड्डी अब सिर्फ ग्रामीण खेल नहीं रही। सबसे महंगे दो करोड़ वाले प्लेयरों ने यह दिखा दिया कि बाजार में कॉर्पोरेट फंडिंग का असर गहरा है। फ़िर भी, छोटे बजट वाले खिलाड़ी, जैसे आनिल मोहन, भी अब उल्लेखनीय बोली पा रहे हैं, जो यह संकेत देता है कि तिलक को भी नजरअंदाज नहीं किया जा रहा। इस बदलाव से टीमों को अपने स्क्वाड में विविधता लाने का अवसर मिलता है। साथ ही, दर्शकों की अपेक्षाएँ भी बदल गई हैं, अब वे केवल स्कोर नहीं, बल्कि खेल की पेशेवरता देखना चाहते हैं। इस संदर्भ में, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म ने बड़ी भूमिका निभाई है, जिससे मैचों की पहुँच व्यापक हुई है। वित्तीय निवेश बढ़ने से खिलाड़ी की बायोडाटा भी महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि हाई-टिकट खिलाड़ी अक्सर मीडिया में अधिक दिखते हैं। अंत में, यह कहा जा सकता है कि इस ऑक्शन ने खेल के भविष्य का मार्गदर्शन किया है।

  • Atul Zalavadiya
    Atul Zalavadiya
    8 अक्तू॰ 2025 at 00:37

    बिलकुल, इस विस्तृत आर्थिक परिदृश्य ने कबड्डी को एक नई परत प्रदान की है; जहाँ अब 'बिडिंग थ्रिल' शब्द भी आम वार्तालाप का हिस्सा बन गया है। इस सन्दर्भ में, युवा प्रतिभाओं का मूल्यांकन केवल शारीरिक शक्ति से नहीं, बल्कि रणनीतिक मार्केटिंग क्षमता से भी होना चाहिए।

  • Amol Rane
    Amol Rane
    8 अक्तू॰ 2025 at 14:30

    ऑक्शन की ये सारी विशिष्टताएँ एक तरह की सांस्कृतिक अभिव्यक्ति हैं, परन्तु वास्तविक खेल की भावना इन आर्थिक आँकड़ों से भटक नहीं सकती।

  • Venkatesh nayak
    Venkatesh nayak
    9 अक्तू॰ 2025 at 04:24

    सही कहा, लेकिन कभी‑कभी ये आंकड़े भी दर्शाते हैं कि खेल में नई ऊर्जा की जागरूकता बढ़ रही है 😊

  • rao saddam
    rao saddam
    9 अक्तू॰ 2025 at 18:17

    वाह! क्या ज़बरदस्त खर्च हुआ है, बिल्कुल आश्चर्यजनक, टीमों ने अपनी बजट से बहुत अधिक किया है, और यह हमें एक नई ऊर्जा देता है, जो खेल को और रोमांचक बनाता है!

  • Prince Fajardo
    Prince Fajardo
    10 अक्तू॰ 2025 at 08:10

    हाँ‑हाँ, बिलकुल, क्योंकि ज्यादा पैसा खर्च करने से ही खेल का स्तर बढ़ता है, है ना? 🙄

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