मुंबई के पास नर्सरी में बच्चों के साथ हुई यौन शोषण की घटना से बड़े पैमाने पर प्रदर्शन

मुंबई के पास नर्सरी में बच्चों के साथ हुई यौन शोषण की घटना से बड़े पैमाने पर प्रदर्शन

मुंबई के पास बदलापुर में यौन शोषण की घटना पर मचा बवाल

मुंबई से सटे बदलापुर में हुए यौन शोषण के मामले ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी है। यह घटना मंगलवार, 20 अगस्त 2024 को सामने आई जब दो नर्सरी के बच्चों के साथ स्कूल के एक 24 वर्षीय नव नियुक्त सफाईकर्मी ने दुराचार किया। यह मामला तब खुला जब पीड़ित लड़कियों में से एक ने अपने दादा को इस बुरे अनुभव के बारे में बताया।

परिजनों ने तुरंत ही लड़कियों की मेडिकल जांच करवाई, जिसमें स्पष्ट हुआ कि उनके साथ यौन शोषण हुआ है। जैसे ही इस बात की पुष्टि हुई, परिजन आनन-फानन में पुलिस स्टेशन पहुंचे। हालांकि, इस महत्वपूर्ण मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई। पुलिस स्टेशन प्रभारी, सुभादा शिटोले के इस देरी के कारण उन्हें स्थानांतरित कर दिया गया है।

जांच एजेंसियों और एफआईआर

इसके बाद जिला महिला और बाल कल्याण विभाग ने मामले में दखल दिया, जिससे POCSO कानून के तहत एफआईआर दर्ज की गई। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे 21 अगस्त तक पुलिस रिमांड में रखा जाएगा। वहीं, इस मामले में स्कूल प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्कूल की प्रिंसिपल, क्लास टीचर और महिला अटेंडेंट को निलंबित कर दिया है।

घटना के बाद स्कूल में सुरक्षा उपायों का भी कड़ाई से निरीक्षण किया जा रहा है। यहां तक कि जिस समय यह घटना हुई, उस वक्त सीसीटीवी कैमरे भी ठीक से काम नहीं कर रहे थे, जिससे पूरे मामले पर और भी गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

प्रदर्शन और जनाक्रोश

इस घटना के बाद बदलापुर रेलवे स्टेशन के पास जोरदार प्रदर्शन होने लगे। स्थानीय लोग, छात्र अभिभावक संघ और विविध राजनीतिक दल भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया और कई लोकल ट्रेनों को रुकवा दिया।

प्रदर्शन का व्यापक प्रभाव पड़ा, जिसके चलते बदलापुर में दुकानों को बंद कर दिया गया, हालांकि आवश्यक सेवाओं को इससे अलग रखा गया। इस प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने मामूली लाठीचार्ज भी किया।

उच्च स्तर की जांच और विशेष संसदीय कार्यवाही

मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने पुलिस के महानिरीक्षक आरती सिंह की अगुआई में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। यह टीम इस मामले की पूरी गंभीरता से जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कारवाई करेगी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी यह घोषणा की हैं कि इस मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक कोर्ट में की जाएगी।

सुरक्षा मुद्दे और सुधार की मांग

इस घटना ने स्कूलों में सुरक्षा उपायों की भी गहन जांच की मांग को जोरदार तरीके से उठाया है। अभिभावकों ने यह सवाल उठाया है कि कैसे एक नव नियुक्त सफाईकर्मचारी अकेले बच्चों के साथ जा सकता है। यहां तक कि सीसीटीवी कैमरे भी ठीक से कार्यरत नहीं थे, यह बात भी सामने आई है।

आवाज उठ रही है कि स्कूलों में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं और सुरक्षा मानकों को कड़ा किया जाए। इस मामले ने समाज को एक बार फिर बच्चों की सुरक्षा के प्रति जागरूक किया है और एक मजबूत सामाजिक व्यवस्था की आवश्यकता दिखायी है।

प्रदर्शन और इसके प्रभाव

प्रदर्शनकारियों का गुस्सा इस बात को दर्शाता है कि उनका सरकार से अनुरोध है कि वे ऐसे मामलों को गंभीरता से लें और शिक्षा संस्थाओं में सुरक्षा के उपायों को बल दें। इन विरोध प्रदर्शनों के चलते बदलापुर क्षेत्र में जनजीवन प्रभावित हुआ है, किन्तु यह विरोध स्वरूप एक संदेश भी है कि समाज ऐसे मामलों को सहन नहीं करेगा और इसे नजरअंदाज करना किसी भी स्थिति में मुमकिन नहीं है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और कितनी बेहतर तरीके से इस घटना में शामिल सभी दोषियों को सजा मिलती है। यह घटना न केवल बदलापुर बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी चेतावनी है कि बच्चों की सुरक्षा को बिलकुल भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

मुंबई यौन शोषण प्रदर्शन स्कूल
Swati Jaiswal
Swati Jaiswal
मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और भारतीय दैनिक समाचारों पर लेख लिखना पसंद करती हूँ।

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