दिल्ली चिड़ियाघर ने अनंत अंबानी के वांटारा वाइल्डलाइफ़ सेंटर के साथ साझेदारी की

दिल्ली चिड़ियाघर ने अनंत अंबानी के वांटारा वाइल्डलाइफ़ सेंटर के साथ साझेदारी की

जब राष्ट्रीय चिड़ियाघर, दिल्ली ने अनंत अंबानी के स्वामित्व वाले वांटारा वाइल्डलाइफ़ सेंटर के साथ ज्ञान‑साझा समझौते पर हस्ताक्षर किए, तो यह सहयोग सार्वजनिक और निजी संरक्षण के बीच पुल बनाता दिखा। यह समझौता 12 जुलाई 2025 को हुआ और दोनों संस्थानों को विज्ञान‑आधारित प्रबंधन, प्रजनन तकनीक और पुनर्वास रणनीतियों में आपसी सीख साझा करने का मंच प्रदान करेगा।

  • समझौते की तारीख: 12 जुलाई 2025
  • मुख्य पक्ष: राष्ट्रीय चिड़ियाघर, दिल्ली एवं वांटारा वाइल्डलाइफ़ सेंटर
  • उद्देश्य: विशेषज्ञता, डेटा और प्रशिक्षण का आदान‑प्रदान
  • प्रभाव: भारत के वन्यजीव संरक्षण में नई संभावनाएँ

पृष्ठभूमि और साझेदारी का आरंभ

वांटारा, जिसका अर्थ है ‘वन का सितारा’, गुजरात के जम्मुंझर जिले के मोतिखावड़ी ग्राम में स्थित 3,500 एकड़ घास‑भरे क्षेत्र में स्थित है। आधिकारिक तौर पर 26 फरवरी 2024 को लॉन्च हुआ, लेकिन इसे 4 मार्च 2025 को नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री ने उद्घाटन किया। इस केंद्र को रिलायंस फाउंडेशन, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ का सामाजिक पहलू, संचालित करता है।

वांटारा वाइल्डलाइफ़ सेंटर का विस्तार

स्मार्ट सेंसर, जीन ट्रैकिंग और विस्तृत अभयारण्य सुविधाओं से सुसज्जित यह केंद्र 2025 तक 150,000 से अधिक जानवरों को 2,000 से अधिक प्रजातियों में सुरक्षित रखता है। भारतीय सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी के आंकड़े के अनुसार, यहाँ 250 से अधिक हाथी, 160 बाघ, 200 शेर, 250 तेंदुआ और 900 मगरमच्छों की देखभाल की जाती है। हाथी पुनर्वास इकाई अकेले ही लगभग 1,000 एकड़ में फैली हुई है।

वांटारा के प्रबंधन ने घोषणा की है कि भविष्य में भारत का सबसे बड़ा जीन बैंक स्थापित किया जाएगा, जहाँ संकटग्रस्त प्रजातियों का DNA संरक्षित किया जाएगा। इस पहल के लिए उन्होंने भारतीय वन्यजीव बोर्ड को भी शामिल किया है, जिसने इन्हें प्राणी मित्र राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया है।

विवाद और अदालत की जाँच

विवाद और अदालत की जाँच

जारी प्रशंसा के बावजूद, वांटारा कई आलोचनाओं का केंद्र बना हुआ है। मई 2025 में मार्क्समेन डेली ने इसे ‘भव्य vanity प्रोजेक्ट’ करार किया, क्योंकि आम जनता को यहाँ पहुँच नहीं है। पर्यावरण कार्यकर्ताओँ ने कहा कि ये विशाल अभयारण्य तेल रिफाइनरी के पास बसी हुई है, जिससे ध्वनि और वायुमंडलीय प्रदूषण की चिंता बढ़ती है।

सबसे गंभीर मुद्दा तब उभरा जब भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक पैनल को नियुक्त किया, जिसमें सेवानिवृत्त न्यायधीशों को प्रमुखता दी गई, ताकि ‘अवैध पशु आयात, विशेषकर हाथियों की अवैध अधिग्रहण’ और संभावित धनशोधन के आरोपों की जाँच की जा सके। इस जाँच में बताया गया है कि वांटारा ने अनेक वन्यजीव विनियमों का उल्लंघन किया है और आर्थिक लेन‑देन में अनियमितता पाई गई है।

सहयोग के संभावित प्रभाव

इस साझेदारी से दो पहलुओं में बदलाव की आशा है। पहला, राष्ट्रीय चिड़ियाघर के वैज्ञानिक टीम को वांटारा की उन्नत मॉनिटरिंग तकनीक और बड़े‑पैमाने पर जनसंख्या प्रबंधन के मॉडल तक पहुँच मिलेगी। दूसरा, वांटारा को सार्वजनिक संस्थानों के साथ काम करने से पारदर्शिता बढ़ेगी और नियामक निकायों के साथ संवाद भी सुधरेगा।

वांटारा के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. रवींद्र खन्ना ने कहा, “यह सहयोग हमें भारतीय एशियाई बोन्युलेटेड फॉर्मेट में प्रजातियों के पुनर्जन्म के लिए वैध डेटा प्रदान करेगा, जिससे संरक्षण योजनाओं की सफलता दर बढ़ेगी।” वहीं, राष्ट्रीय चिड़ियाघर के निदेशक डॉ. सीमा पिल्ले ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि इस ज्ञान‑संचार से हमारे प्रजनन कार्यक्रम में नई ऊर्जा आएगी।”

आगे क्या हो सकता है?

आगे क्या हो सकता है?

भविष्य को देखते हुए, दोनों संस्थान अगले दो वर्षों में पाँच संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएँ शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इनमें एलीफ़ैंट‑स्मार्ट‑ट्रैक, बाघ‑जीवन‑पुनरुत्थान, और जलीय‑जीव संरक्षण के लिये ड्रोन‑सर्विलांस शामिल हैं। साथ ही, सरकार की नई वन्यजीव संरक्षण नीति के मद्देनज़र, इस तरह के सार्वजनिक‑निजी साझेदारी को ‘मॉडल’ के रूप में पहचाना गया है।

हालाँकि कोर्ट की जाँच जारी है, वांटारा ने कहा है कि वह सभी कानूनी प्रक्रियाओं को सम्मानित करेगा और किसी भी संशोधन या सुधार के लिए तैयार है। अगर इस पहल को सही दिशा में ले जाया गया, तो भारत के वन्यजीव संरक्षण के लिए एक नए युग की शुरुआत हो सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

यह साझेदारी राष्ट्रीय चिड़ियाघर के कामकाज़ को कैसे बदलेगी?

साझेदारी से चिड़ियाघर को वांटारा की उन्नत जीन‑बैंकिंग और ट्रैकिंग तकनीक तक पहुँच मिलेगी, जिससे प्रजनन और पुनर्वास कार्यक्रमों में वैज्ञानिक दक्षता बढ़ेगी। इससे endangered species के लिए अधिक सफल पुनरावास की उम्मीद की जा रही है।

वांटारा पर लगाए गए आरोपों का क्या असर पड़ेगा?

सुप्रीम कोर्ट की जाँच के परिणाम अगर नकारात्मक निकलते हैं, तो वांटारा को भारी जुर्माना, लाइसेंस रद्दीकरण और संभावित बंदी का सामना करना पड़ सकता है। दूसरी ओर, सकारात्मक दिशा में निर्णय को विश्वसनीयता बढ़ाकर निवेशकों और जनसंपर्क में मदद मिलेगी।

क्या सामान्य जनता वांटारा देख या यात्रा कर सकेगी?

वर्तमान में वांटारा सार्वजनिक प्रवेश के लिए नहीं खुला है, लेकिन साझेदारी के बाद दोनों संस्थान सार्वजनिक शिक्षा कार्यक्रम, वर्चुअल टूर और विशेष वैज्ञानिक कार्यशालाओं के माध्यम से जनता को संलग्न करने की योजना बना रहे हैं।

वांटारा के भविष्य में कौन‑से बड़े प्रोजेक्ट योजना बनाए गए हैं?

निर्माता अनंत अंबानी ने देश का पहला ‘जीन बैंक ऑफ़ एंडेंजर्ड स्पीशीज’ और युवा संरक्षणकर्ता प्रशिक्षण केंद्र बनाने की योजना घोषित की है। इसके अलावा, पुनर्वास पशु को प्राकृतिक आवास में फिर से स्थापित करने के लिए री‑वाइल्डिंग प्रोग्राम भी तैयार किया जा रहा है।

इस समझौते से भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि पर क्या असर पड़ेगा?

यदि सहयोग सफल रहता है और वांटारा के विवादों का समाधान हो जाता है, तो भारत को निजी‑सार्वजनिक संरक्षण मॉडल की अग्रणी के रूप में देखा जा सकता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय संरक्षण निधियों और तकनीकी साझेदारी के अवसर बढ़ेंगे।

दिल्ली चिड़ियाघर अनंत अंबानी वांटारा रिलायंस फाउंडेशन जमुंझर
Swati Jaiswal
Swati Jaiswal
मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और भारतीय दैनिक समाचारों पर लेख लिखना पसंद करती हूँ।
  • Hitesh Kardam
    Hitesh Kardam
    12 अक्तू॰ 2025 at 03:53

    इन बड़े प्रोजेक्ट में तो किसी के हाथ में पैसे घूम रहे हैं, जनता को क्या मिलेगा?

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