उद्घाटन समारोह और प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
26 सितंबर 2025 को कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने विश्वविख्यात राजनेता डॉ. मनमोहन सिंह के 93वें जन्म दिनांक पर इंदिरा भवन में मनमोहन सिंह शोध केंद्र एवं पुस्तकालय का उदघाटन किया। इस अवसर पर डॉ. मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर, कांग्रेस महाव्यक्ति जयाराम रमेश, और कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। सोनिया गांधी ने परम्परागत दीप प्रज्वलित करके ज्ञान के प्रकाश का प्रतीक स्थापित किया।
जायाराम रमेश ने ऐसा कहा कि यह अभिलेखागार केवल एक पुस्तकालय नहीं, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक यात्रा का जीवंत दस्तावेज़ है, जो भविष्य की पीढ़ियों को सशक्त बनाने में मदद करेगा।

पुस्तकालय के प्रमुख संग्रह और उनकी महत्ता
नया पुस्तकालय चार मुख्य अनुभागों में विभाजित है, जो विभिन्न शैक्षणिक और ऐतिहासिक पहलुओं को कवर करता है:
- स्वतंत्रता संग्राम विशेषज्ञता: भारत के आजाद होने में योगदान देने वाले कई वीरों की जीवनी, उनका चयनित लेख और भाषण संग्रहित हैं।
- कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंध: विश्व के विभिन्न देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को रेखांकित करने वाली पुस्तकें और दस्तावेज़ उपलब्ध हैं।
- दल का इतिहास: कांग्रेस के 139 साल के इतिहास को संकलित करने वाली "इंक्लोसिडिया ऑफ़ द इंडियन नेशनल कांग्रेस" के कई खंड, जिनमें कार्यकारी कमेटी की मीटिंग नोट्स, संकल्प, और प्रमुख भाषण शामिल हैं। यह कार्य अब्दुल मोइन ज़ैदी और शहीदा गुफ़रन ज़ैदी द्वारा किया गया था।
- इलेक्शन मैनिफेस्टो संग्रह: 1951-52 से अब तक के सभी आम चुनावी घोषणापत्र यहाँ उपलब्ध हैं, जिससे अध्ययनकर्ता पार्टी की नीति बदलाव और विकास को समय के साथ ट्रैक कर सकते हैं।
इतिहास के पन्नों को जीवंत करने के लिए इस लाइब्रेरी में कई मौलिक फोटो भी रखे गए हैं – जैसे आज़ाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और वी.के. कृष्णा मेनन के साथ चलती तस्वीर, तथा संस्थापक नेताओं जैसे ए.ओ. ह्यूमे, दादाभाई नौरोजी और विलियम वेडरबर्न की समूह फोटोग्राफ़।
समकालीन अनुभाग में कांग्रेस के प्रमुख विचारकों की रचनाएँ—पी. चिड़ंबरम, शशि थरूर, मणिशंकर अय्यर, मनीष तेवरी और सलमान खुरशीद—समाहित हैं। इन पुस्तकों में शासकीय नीति, आर्थिक सुधार, सामाजिक विकास और कूटनीति पर विस्तृत विश्लेषण मिलते हैं।
ज़ैदी दंपति द्वारा लिखित अतिरिक्त ग्रन्थ कांग्रेस की संगठनात्मक संरचना, वैचारिक विकास और प्रमुख मोड़ों का गहन अध्ययन प्रस्तुत करते हैं, जिससे पार्टी की आंतरिक गतिशीलता को समझना आसान हो जाता है।
यह अभिलेखागार न केवल कांग्रेस के इतिहास को संरक्षित करने का माध्यम है, बल्कि देश भर के शोधकर्ता, विद्यार्थियों और राजनीतिक विश्लेषकों के लिये एक अनमोल संसाधन बनकर उभरा है। यहाँ उपलब्ध समृद्ध सामग्री के माध्यम से भारतीय राजनीति की जटिल धारा को स्पष्ट रूप से पढ़ा जा सकेगा।
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