दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में रविवार, 9 मार्च 2025 को एक ऐसा फाइनल देखने को मिला, जिसे क्रिकेट प्रेमी अब तक के सबसे रोमांचक मुकाबलों में शामिल करेंगे। भारतीय क्रिकेट टीम ने न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराकर चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताब अपने नाम किया — ये उनकी तीसरी बार की जीत है, जिससे वे टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे सफल टीम बन गए। दुबई के 23 डिग्री सेल्सियस के गर्म मौसम में खेले गए इस मैच में दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम ने एक ऐसा माहौल प्रदान किया, जहां बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों के लिए चुनौतियां बराबर थीं।
न्यूजीलैंड की शुरुआत तेज, भारत के स्पिनर्स ने रोका रफ्तार
न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। रचिन रविंद्रा और विल यंग ने 57 रन की तेज शुरुआत की, लेकिन भारत के स्पिनर्स ने जल्द ही गेम अपने हाथ में ले लिया। कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती ने दो-दो विकेट लेकर न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को घुटनों पर ला दिया। केन विलियमसन का आउट होना और रचिन का बाहर होना दबाव बढ़ा गया। लेकिन फिर आया डैरिल मिचेल — 101 गेंदों में 63 रनों की धीमी, लेकिन अहम पारी, जिसमें उन्होंने आईसीसी लिमिटेड ओवर्स टूर्नामेंट्स में 1000 रन पूरे किए। उनके बाद माइकल ब्रेसवेल ने 53* की अप्रतिम पारी खेली — ये उनकी सबसे तेज डेथ ओवर्स की पारी थी। न्यूजीलैंड का 251/7 एक ऐसा स्कोर था, जिसके आगे जाना आसान नहीं था।
भारत की चैलेंजिंग चेज: रोहित की बारिश, कोहली का अचानक आउट
भारत की शुरुआत बेहद तेज रही। रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने 105 रन की जबरदस्त ओपनिंग साझेदारी की। गिल का आउट होना भी एक बड़ा मोड़ था — ग्लेन फिलिप्स का शानदार लीपिंग कैच, जिसके बाद मैदान चुप हो गया। चार गेंदों बाद, विराट कोहली का लब-वा-वाइट आउट हो गया — बस 1 रन पर। भीड़ चीखने के बजाय, दुबई के एयर में सन्नाटा छा गया। लेकिन यहां से शुरू हुई श्रेयस अय्यर की शानदार बचाव शुरू। 62 गेंदों में 48 रन, जिसमें उन्होंने दबाव को नियंत्रित किया। अक्षर पटेल और केएल राहुल ने भी अहम रन दिए।
जडेजा ने जीत का राज खोला, रोहित ने इतिहास रचा
जब 7 गेंदों पर 2 रन चाहिए थे, तो सबकी नजर रवींद्र जडेजा पर थी। उन्होंने एक चौके से जीत दिला दी — इस तरह भारत ने एक ओवर बाकी रखकर जीत दर्ज की। रोहित शर्मा ने 83 गेंदों में 76 रन बनाए और चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड जीतने वाले पहले कप्तान बन गए। वह एमएस धोनी के बाद दूसरे भारतीय कप्तान बने, जिन्होंने एक से अधिक आईसीसी ट्रॉफी जीती। इस जीत के साथ भारत की चैंपियंस ट्रॉफी जीतों की संख्या 3 हो गई — 2002 और 2013 के बाद।
क्यों ये जीत इतनी बड़ी है?
ये जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि एक विश्वास का प्रमाण है। भारत ने फाइनल में बड़े नुकसान के बावजूद भी टीम को संभाला। कोहली का जल्दी आउट होना, गिल का अचानक खेल से बाहर होना — इन सबके बावजूद टीम ने शांति बरकरार रखी। श्रेयस अय्यर की बल्लेबाजी, जडेजा का अंतिम बल्ला, राहुल की चालाकी — ये सब एक टीम की परिपक्वता का सबूत है। न्यूजीलैंड ने भी बहुत अच्छा खेला, लेकिन अंत में भारत की अनुभवी टीम ने जीत अपने नाम कर ली।
अगले कदम: ओपनिंग बल्लेबाजी और बाकी टूर्नामेंट का असर
अब भारत के लिए अगला लक्ष्य वनडे विश्व कप 2027 है। रोहित शर्मा की कप्तानी में ये टीम अब एक नए स्तर पर पहुंच गई है। शुभमन गिल और रोहित के बीच ओपनिंग के लिए एक नया फॉर्मूला बन गया है। वहीं, न्यूजीलैंड के लिए ये फाइनल फिर से एक दर्द भरा सबक है — वे अब तक चैंपियंस ट्रॉफी जीत नहीं पाए। उनके लिए अगला चुनौतीपूर्ण टूर्नामेंट आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल है।
पिछले फाइनल्स का तुलनात्मक विश्लेषण
2002 में भारत और श्रीलंका के बीच फाइनल टाई हो गया था, और भारत ने जीत दर्ज की। 2013 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 6 विकेट से हराया था। इस बार का फाइनल उन दोनों से अलग था — यहां न्यूजीलैंड ने अपना सब कुछ दे दिया, लेकिन भारत की अंतिम गेंदों की शांति ने फैसला कर दिया।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या रोहित शर्मा ने पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी जीती?
नहीं, रोहित शर्मा ने इससे पहले 2013 में भारत की टीम के सदस्य के रूप में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। लेकिन ये पहली बार है जब वे कप्तान के रूप में इस ट्रॉफी को जीत रहे हैं। इसके साथ ही वे चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच बनने वाले पहले कप्तान भी बन गए हैं।
न्यूजीलैंड क्यों अभी तक चैंपियंस ट्रॉफी नहीं जीत पाया?
न्यूजीलैंड ने 2000, 2009, 2017 और अब 2025 में फाइनल में पहुंचने का अवसर पाया, लेकिन हर बार जीत उनके हाथ से फिसल गई। उनकी टीम में अक्सर अंतिम ओवर्स में दबाव बनता है, और उनके बल्लेबाज या गेंदबाज उस दबाव को संभाल नहीं पाते। ये बार भी ब्रेसवेल की शानदार पारी अगर थोड़ी जल्दी शुरू होती, तो शायद फर्क पड़ जाता।
कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती की भूमिका क्या थी?
दोनों ने न्यूजीलैंड के शुरुआती बल्लेबाजों को जल्दी आउट करके टीम को बचाया। रचिन और यंग के बाद विलियमसन का आउट होना टीम के लिए बड़ा झटका था। उन्होंने 20 ओवर्स में केवल 85 रन दिए और 4 विकेट लिए — ये दबाव न्यूजीलैंड के लिए अंतिम 20 ओवर्स में बड़ी चुनौती बन गया।
क्या ये भारत की तीसरी जीत का मतलब है कि वे अब वर्ल्ड कप में भी फेवरिट हैं?
बिल्कुल। चैंपियंस ट्रॉफी वनडे क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट है, और इसे जीतने का मतलब है कि टीम का बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग सभी बिंदुओं पर संतुलन है। भारत के पास अब रोहित, कोहली, जडेजा और गिल जैसे अनुभवी खिलाड़ी हैं — ये सब मिलकर 2027 के वनडे विश्व कप के लिए एक बहुत मजबूत टीम बनाते हैं।
एक टिप्पणी लिखें