भागलपुर-मुंगेर चार-लेन सड़क परियोजना में देरी, मंत्रालय ने लौटाई DPR

भागलपुर-मुंगेर चार-लेन सड़क परियोजना में देरी, मंत्रालय ने लौटाई DPR

भागलपुर और मुंगेर को जोड़ने वाले चार-लेन सड़क परियोजना को एक बड़ा झटका लगा है, जब केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने इसका विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) लौटा दिया। यह कदम तब आया जब बिहार में महत्वपूर्ण राजमार्गों जैसे कि मुंगेर-भागलपुर नेशनल हाईवे 80 और मोखामा-मुंगेर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को अपग्रेड करने के प्रयास जारी हैं।

परियोजना के सामने चुनौतियां

मंत्रालय द्वारा लौटाए गए DPR में परियोजना की योजना में कई कठिनाइयों का संकेत दिया गया है। इनमें संभावित ऐलानमेंट मुद्दे, भूमि अधिग्रहण की बाधाएं, या पर्यावरणीय मंजूरी की आवश्यकता हो सकती है। यदि इन सभी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए योजना को फिर से तैयार नहीं किया गया, तो इस परियोजना में देरी ही नहीं, बल्कि आर्थिक गतिविधियों के विस्तार में भी बाधा आ सकती है।

परियोजना का उद्देश्य बिहार और झारखंड के बीच संपर्क को मजबूत करना और क्षेत्रीय आर्थिक वृद्धि का समर्थन करना था। मंत्रालय की चिंताओं को दूर करने के लिए अधिकारियों को तत्काल कदम उठाने होंगे ताकि इस साहसिक पहल को पुनर्जीवित किया जा सके।

अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाएं

अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाएं

यह परियोजना बिहार में विकसित हो रही राजमार्गों के व्यापक नेटवर्क का हिस्सा है। इनमें इस साल पहले स्वीकृत 85 किलोमीटर लंबा मोखामा-मुंगेर एक्सप्रेसवे भी शामिल है। जबकि कुछ परियोजनाएं अंतिम चरण में हैं, भागलपुर-मुंगेर परियोजना का पुनरुद्धार भी समान रूप से महत्वपूर्ण है।

बिहार और झारखंड के बीच बेहतर संपर्क के लिए यह पहल महत्वपूर्ण है। इसे पूरा करने के लिए, संबंधित अधिकारी मंत्रालय से फीडबैक लेकर आवश्यक सुधार करने की योजना बना रहे हैं। इस तरह, न केवल सड़क अवसंरचना में सुधार होगा, बल्कि दोनों राज्यों की आर्थिक स्थिति को भी बल मिलेगा।

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रूपी शर्मा
रूपी शर्मा
मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और भारतीय दैनिक समाचारों पर लेख लिखना पसंद करती हूँ।

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